नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन में चल रही सियासी खींचतान के बीच मनेर विधानसभा क्षेत्र से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने एक बड़ा बयान दिया है। गुरुवार को उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि हमारे पास 80 विधायक हैं और जो हम चाहेंगे वही होगा। किसी के कह देने भर से तेजस्वी इस्तीफा नहीं दे देंगे। विधायक के तोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम लोग तोड़फोड़ में विश्वास नहीं करते हैं।
इधर, राजद के कड़े रुख से जदयू प्रवक्ताओं के बोल भी तीखे हो गए। प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राजद को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि इस मामले में अपनी सफाई साक्ष्यों के साथ बिंदुवार दें। नीरज ने कहा कि पार्टी अपने जीरो टॉलरेन्स नीति से कोई समझौता नहीं करेगी। जदयू के दूसरे प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा है कि तेजस्वी पर आरोप नहीं लगा है, उन पर निजी तौर पर प्राथमिकी दर्ज हुई है।
वो हमारी सरकार के बडे़ सहयोगी दल के सबसे बडे़ नेता हैं, उन्हें बताना होगा कि प्राथमिकी में कही गई बातें कितना सही और कितनी गलत हैं।
इधर, भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश अगर तेजस्वी को बरखास्त भी कर देंगे तो लालू उन्हें नहीं छोडे़ंगे। सब जानते हैं तेजस्वी सफाई नहीं देंगे और इस्तीफा भी नहीं देंगे। तेजस्वी अगर सफाई देंगे तो और फंस जाएंगे, इसलिए बरखास्त करना ही होगा।
दूसरी ओर बुधवार को मीडियाकर्मी से मारपीट की घटना पर भाजपा ने जहां जगह जगह प्रदर्शन किए और तेजस्वी का पुतला फूंका। वहीं तेजस्वी ने कहा है कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं। मैं खुद इस मामले को देखूंगा और कोशिश करूंगा कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। हम लोगों का पत्रकारों से शुरू से बेहतर संबंध रहे हैं।
तेजस्वी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक से निकलने के बाद रिएक्शन लेने के लिए मीडियाकर्मी उतावले थे। स्थिति को कंट्रोल करने में सुरक्षाकर्मियों को काफी मुश्किल हो रहा था। मीडिया माइक से मुझे और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप को चोट लगी, लेकिन मीडिया में कहीं भी इसकी रिपोर्टिंग नहीं हुई। उन्होंने कहा कि फिर भी मैं समझता हूं कि मीडियाकर्मियों के साथ जो हुआ वो गलत था।