Wednesday, February 19, 2025
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चुनावी वर्ष में महिला वोट बैंक का दमखम

  • प्वाइंट- तथ्यपरक हैं नीतीश सरकार के दावे
  • बिहार पुलिस में महिला आरक्षण को 35 प्रतिशत तक बढ़ाया
  • अब महिलाओं को रात में घर से निकलने में नहीं लगता है डर
  • निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण

पटना। चुनावी वर्ष में नीतीश सरकार का जोर एक बार फिर अपने महिला वोटबैंक पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा में भी यह जोर साफ-साफ दिखाई पड़ रहा है। पटना और सूबे के तमाम जिलों की सड़कों पर लगने वाले होर्डिंग्स में भी प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को लेकर तमाम तरह के दावे हैं। अच्छी बात यह है कि सरकार का यह दावा हवाई नहीं, बल्कि तथ्यपरक है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए पुलिस बल, शिक्षक भर्ती, और जीविका योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं, जिससे महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।

तालाबों के प्रबंधन भी महिलाओं के हिस्से

बिहार पुलिस में महिला आरक्षण को 35 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था लागू की गई है, जो राज्य के विकास में अहम योगदान दे रही है। आज बिहार पुलिस में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 39 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है, जो पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।

महिला स्वाबलंबन का मॉडल स्टेट

मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत 2023-24 में 7.35 लाख छात्राओं को प्रोत्साहन राशि दी गई, जिससे उनकी शिक्षा में मदद मिली है। इसके अलावा, जीविका दीदियों को विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं। राज्य में 10 लाख 61 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 1 करोड़ 31 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। ये महिलाएं अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में काम कर रही हैं और तालाबों के प्रबंधन का जिम्मा भी जीविका समूहों को सौंपा गया है।

व्यवस्था में महिलाओं की बढ़ी भागीदारी

साल 2006 से पंचायती राज संस्थाओं और 2007 से नगर निकायों के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई थी, जिससे बिहार देश का पहला राज्य बना। इसके बाद कई अन्य राज्यों ने भी इस व्यवस्था को अपनाया। पंचायती राज विभाग ने हर जिले में ‘आदर्श महिला हितैषी ग्राम पंचायत’ की स्थापना की है, जहां महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं चल रही हैं।

महिला असुरक्षा अब कल की बात महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था को भी मजबूत किया है। अब महिलाएं रात के 12 बजे भी बिना किसी डर के सड़कों पर चल सकती हैं, और यह सुरक्षा की वजह से ही उनकी रोजगार में भागीदारी बढ़ी है। 2005 से पहले के मुकाबले अब बिहार में अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

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