पुवायां (शाहजहाँपुर)। पुवायां तहसील में स्वच्छ ऊर्जा और ग्रामीण विकास को प्रोत्साहन देने के लिए 60 टीपीडी क्षमता वाले कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया। संयंत्र में कच्चे माल के रूप में गोबर, प्रेसमड और नेपियर घास का उपयोग किया जाएगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि गौ माता की सेवा से देश की कृषि व अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के माध्यम से गाय आधारित सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा – जहाँ गाय का गोबर ऊर्जा उत्पादन, जैविक खाद और कृषि में पुन: उपयोग के रूप में किसानों की आय व उत्पादकता दोनों को बढ़ाएगा। यह न केवल स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएगा बल्कि किसानों को जैविक खाद भी प्रदान करेगा, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी पुवायां, श्री जितेन्द्र नारायण (सीईओ, केईसी एग्रिटेक प्रा. लि.) तथा इफको के उपाध्यक्ष भी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
परियोजना का संचालन सुनीना बायोफ्यूल एंड बायोएनर्जी द्वारा किया जा रहा है जबकि तकनीकी साझेदार केईसी एग्रिटेक प्राइवेट लिमिटेड है। केईसी एग्रिटेक वर्तमान में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बायोगैस व बायो-सीएनजी परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। इन परियोजनाओं से किसानों को न केवल स्वच्छ ऊर्जा और जैविक उर्वरक मिलेंगे बल्कि पराली और अन्य कृषि अवशेषों का उपयोग कर अतिरिक्त आय का अवसर भी मिलेगा।
भविष्य में यह कंपनी कई जिलों में बड़े स्तर पर बायोफर्टिलाइज़र और ऑर्गेनिक इनपुट उपलब्ध कराने की योजना बना रही है, जो रासायनिक खाद का बेहतर विकल्प बनकर किसान समुदाय को सशक्त बनाएंगे।